Veer Lorik लौरीक वीर अहीर
वीर लोरिक द्वारा तलवार के एक ही वार से कटा ये चट्टान आज भी जीता जागता प्रमाण है जो की उत्तर प्रदेश के रावर्स्टगंज जिला सोनभद्र में स्तिथ है जो की पहले मिर्जापुर जिले में आता था इस चट्टान को वीर लोरिक ने उनके पत्नी मंजरी द्वारा लोरिक से उनके प्यार का प्रमाण मागने पर तलवार की एक ही वार से इस चट्टान को चिर दिया और लोरिक ने उसी तलवार से अपने जांघ को चिर कर उस चट्टान के ऊपर छिड़क दिया फिर मंजरी ने अपने मांग का सिंदूर उस चट्टान पर लगा दिया इसलिए ये चट्टान वीर लोरिक और मंजरी की प्यार की निशानी कहते है इस चट्टान पर लगा लोरिक का खून और मंजरी द्वारा छिड़का हुआ सिंदूर गर्मियों के समय में ताजा हो जाता है । वीर लोरिक माँ दुर्गा के परम् भक्त माने जाते थे उनको माँ दुर्गा के आशीर्वाद से अपार शक्ति प्राप्त थी वीर लोरिक गरीबो और कमजोर वर्ग की हमेशा मदद करते थे कोई भी उनसे मदद मागने आता तो उसका मदद जरूर करते थे एक समय की बात है राजाओ के ज़माने में एक राजा हुआ करता था जिसका नाम था राजा मोलारिक जो बहुत ही अत्याचारी और शक्तिशाली था पूरा राज्य उससे डरता था उसने उस राज्य में यह कानून बना रखा था की इस रा...