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Showing posts from July, 2023

Kargil Diwas: Remembring Yogender Singh Yadav Who Alone killed 17 Pak Soldiers

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कारगिल दिवस: योगेन्द्र सिंह यादव को याद, जिन्होंने अकेले ही 17 पाक सैनिकों को मार गिराया था  भारतीय सेना के जवान का साहस और वीरता ऐसी थी कि बाद में इसे बॉलीवुड फिल्म 'एलओसी: कारगिल' में दिखाया गया।    कारगिल शहीद योगेन्द्र यादव के परिजन उनकी तस्वीरें दिखाते हुए।      अकेले 17 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने वाले सैनिक मेरठ के ग्रेनेडियर योगेन्द्र यादव 1999 के ऐतिहासिक युद्ध में कारगिल में शहीद हो गए थे। भारतीय सेना के इस सैनिक का साहस और वीरता ऐसी थी कि बाद में उन्हें बॉलीवुड फिल्म 'एलओसी: कारगिल' में दिखाया गया।  2003 की फिल्म में यादव का किरदार आशुतोष राणा ने निभाया था।  “मैं ठीक हूं, कारगिल में लड़ाई छिड़ गई है।  मुझे पहाड़ों पर जाना है.  हम वहां के लिए निकल पड़े हैं.  हिम्मत मत हारो.  इसमें डरने की कोई बात नहीं है।  मेरे साथ पूरी यूनिट है.  मैं दुश्मनों को मारकर वापस आऊंगा,'' ये शहीद ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव के आखिरी शब्द थे, जो उन्होंने कारगिल रवाना होने से कुछ देर पहले अपने परिवार को लिखे पत्र में लिखे थे। पत्र घर पहुंचने के कुछ दिन बाद यादव की शहाद

Sohna Hill Fort -सोहना का किल्ला

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हरियाणा में अहीरों ने पचासों किले बनवाए थे।  जिनमें एक है सोहना किला राव रामबख्श रईस धारुहेड़ा ने सोहना की पहाड़ी पर बनवाया था।  राव राजा तेज सिंह बहादुर रईस रेवाड़ी के ज़माने में यह किला बनवाया गया था  जब राव रामबख्श जी को धारूहेड़ा जागीर में मिला था। Rao Dheeraj nuniwal #heritage #haryana #ahir #nuniwal #raosahab #ahirwal #ahirwati #ahir #अहीर #अहीरवाल  Rao'z of india

अहीरवाल के नूनीवाल-- Nuniwals of Ahirwal

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नुणी ठीकाने का इतिहास बहुत ही गौरवशाली और प्राचीन है ।  सन 1585 में अकबर की सेना आमेर के राजा मान सिंह के नेतृत्व में काबुल पर हमला करने गयी थी, इस सेना में लगभग आठ - दस हजार अहीर लड़ाके भी थे| राव  रणमल नुणीवाल को इस अहीर फ़ौज का जनरल बनाया गया था| राव रणमल और उनके अहीर वीरों कि काबुल के युद्ध में अहम् भूमिका को देखते हुए, अकबर ने काबुल फ़तेह के बाद खुश होकर उनको बावन महल की चौधर "नारनौल की बावनी" दी | वापस लौट कर राव रणमल ने चौधर को खुशनसीबी के तौर पर मानते हुए अपने नए ठिकाने का नाम 'नसीबपुर' रखा| अपनी मदद के लिए उन्होंने मान्दी और पटीकरा के सरदारों को अपना नायब नियुक्त किया| ढोसी, जो कि अति प्राचीन तीर्थ, पहाड़ी है उस पर एक किला राजा नूनकरण ने बनाया था जो किसी आक्रमण में नष्ट हो गया, दूसरा गंगा सिंह नुणीवाल ने बनवाया जिसके अवशेष आज भी हैं| राव गोपालदेव जी की 3 शादियाँ हुई थी उनकी दो रानियाँ उदयरामसर (बीकानर) से थी तथा एक रानी नसीबपुर से चौ० रामचन्द्र जी के भाई की लडकी थी |  नसीबपुर में युद्ध लडने का मुख्य कारण भी ये ही था की जब गोकलगढ का किला अधिक पुराना होने के कारण य