Yadav Hill Kashmir 1965 (यादव हिल/यादव पहाडी) RDY
An illustrated history of Operation in Kashmir by 4th Battalio (Ahir)The Kumaon Regiment (4th Kumaon) During 'India-Pakistan War' (1965) #RDY
31Aug 1965 में कश्मीर में पाकिस्तान से युद्ध का एक मोर्चा, एक पहाड़ी पॉइंट 8667 पर एक पाकिस्तानी फौजी टुकड़ी मजबूती से मोर्चे पर डटी हुई थी और उसके सामने मोर्चे पर थी एक Artillery की अहीर कम्पनी l
हिन्दुस्तानी फौज का अफसर इस मुश्किल हालात और मज़बूत दुश्मन को देख कर अहीर कम्पनी के सूबेदार राव नन्द किशोर सिंह जी से बोला --
"अगर अहीर सामने के पहाड़ी मोर्चे को फतेह कर तिरंगा फ़हरा देंगे तो उस पहाड़ी का नामकरण "यादव हिल/यादव पहाड़ी " करवा देंगे "
सूबेदार साहब अपने जवानों को आ कर बोले कि अगर वो असम्भव मोर्चा दुश्मन से जीत लोगे तो उसका नाम यादव-कौम के नाम से इतिहास में दर्ज़ हो जाएगा l
अपने सूबेदार की इस ललकार पर जवान मतवाले हो कर नारे लगाने लगे और रण-खेतों को अपने खून से तिलक करने को तैयार हो गये, आखिर नाम का सवाल था l
लेकिन Indian Army के अफसर ने कहा कि हमले के दौरान गोले तुमपर भी गिर सकते हैं और हमला विफल भी हो सकता है क्योंकि दुश्मन पर हमला करने का एक ही विकट रास्ता था l फौजी अफसर ने हालात सूबेदार साहब को बता दिए , लेकिन अहीर अब पीछे हटने को तैयार नहीं थे , चाहे कीमत कुछ भी हो l
तोपें गरजीं और अहीरों ने रण-घोष कर दिया l सूबेदार राव नन्द किशोर सिंह जी अपने मतवाले अहीरों को ले कर दुश्मन पर चढ़ गये l
दुश्मन इस बेबाक हमले से भौचक्का रह गया , आमने-सामने की लड़ाई में यदुवंशियों ने दुश्मन को मार भगाया और कई शहादतें देते हुए अहीरों ने पहाड़ी पर तिरंगा फ़हरा दिया l
वचन के मुताबिक फौजी अफसर ने पॉइंट 8667 की चोटी का नाम रखने का प्रस्ताव दिया ... यादव पहाड़ी/यादव हिल - Yadav Hill... जिसे सरकार ने मान लिया #RDY
गोली चाले, बरछे चाले, चालें चाहे तीर…
दुश्मन नै जब आंख दिखाई, तण गए वीर अहीर
हिन्दुस्तानी फौज का अफसर इस मुश्किल हालात और मज़बूत दुश्मन को देख कर अहीर कम्पनी के सूबेदार राव नन्द किशोर सिंह जी से बोला --
"अगर अहीर सामने के पहाड़ी मोर्चे को फतेह कर तिरंगा फ़हरा देंगे तो उस पहाड़ी का नामकरण "यादव हिल/यादव पहाड़ी " करवा देंगे "
सूबेदार साहब अपने जवानों को आ कर बोले कि अगर वो असम्भव मोर्चा दुश्मन से जीत लोगे तो उसका नाम यादव-कौम के नाम से इतिहास में दर्ज़ हो जाएगा l
अपने सूबेदार की इस ललकार पर जवान मतवाले हो कर नारे लगाने लगे और रण-खेतों को अपने खून से तिलक करने को तैयार हो गये, आखिर नाम का सवाल था l
लेकिन Indian Army के अफसर ने कहा कि हमले के दौरान गोले तुमपर भी गिर सकते हैं और हमला विफल भी हो सकता है क्योंकि दुश्मन पर हमला करने का एक ही विकट रास्ता था l फौजी अफसर ने हालात सूबेदार साहब को बता दिए , लेकिन अहीर अब पीछे हटने को तैयार नहीं थे , चाहे कीमत कुछ भी हो l
तोपें गरजीं और अहीरों ने रण-घोष कर दिया l सूबेदार राव नन्द किशोर सिंह जी अपने मतवाले अहीरों को ले कर दुश्मन पर चढ़ गये l
दुश्मन इस बेबाक हमले से भौचक्का रह गया , आमने-सामने की लड़ाई में यदुवंशियों ने दुश्मन को मार भगाया और कई शहादतें देते हुए अहीरों ने पहाड़ी पर तिरंगा फ़हरा दिया l
वचन के मुताबिक फौजी अफसर ने पॉइंट 8667 की चोटी का नाम रखने का प्रस्ताव दिया ... यादव पहाड़ी/यादव हिल - Yadav Hill... जिसे सरकार ने मान लिया #RDY
गोली चाले, बरछे चाले, चालें चाहे तीर…
दुश्मन नै जब आंख दिखाई, तण गए वीर अहीर
Rao Dheeraj nuniwal
Gurgaon Haryana
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Ahir
ReplyDeleteJai yadav jai madhav
ReplyDeleteJay Yadav Jay madhav
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ReplyDeleteJai dada kishan
Jay dada Krishna 🕉️🚩
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