ईस्लाम ना अपनाने पर खिलजी ने देवगिरी के राजा को जलते तेल में डाल दिया। Yadav of Deogiri।Rao'z of india।RDY।
Rao'z of india #AhirRegiment
आज बात करेंगे भारत के सबसे महान हिंदू सम्राट देवगिरी साम्राज्य के अंतिम शासक हरपाल देव यादव की जिनको मुस्लिम शासक खिलजी ने जलते तेल में डाल दिया तब भी इन्होंने अपना धर्म नही बदला ।
देवगिरि यादव राजवंश- 850 से लेकर –1334 तक कायम रहा जिसने अपने चरमोत्कर्ष काल में तुंगभद्रा से लेकर नर्मदा तक के भूभाग पर शासन किया जिसमें वर्तमान महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ भाग शामिल थे। उनकी राजधानी देवगिरि थी जिसका नाम मुस्लिम आक्रमणकारियो ने बदलकर दौलताबाद कर दिया था।
13वीं शताब्दी का अंतिम दौर मुस्लिम आक्रमणकारियों से ग्रासित रहा।
इसी दौर में आक्रमणकारी अल्लाउद्दीन खिलजी ने आर्यवर्त को लूटने के नापाक मनसूबे से भारत विजय करने निकला था।।
उस समय आर्यवर्त में देवगिरि यादव साम्राज्य सबसे बड़ी शक्ति हुआ करती थी।
1309 में जब क्रूर खिलजी ने देवगिरि को जीतने के मनसुबे से चढाई करी तब देवगिरि साम्राज्य के सम्राट महाराजा रामचंद्र यादव थे।
देवगिरि पर चढ़ाई से पहले खिलजी ने गुजरात के सूर्यवंशी वाघेला राजा कर्णसिंह को परास्त कर दिया था और कर्ण सिंह अपने पुत्री राजकुमारी कमला देवी की रक्षा केलिए देवगिरि के यादवों के यहाँ शरण ली।
देवगिरि को जीतने का ख्वाब ले सन् 1309 में खिलजी ने चढ़ाई की लेकिन खिलजी जानता था कि देवगिरि के चंद्रवंशी यादवों से लोहा लेना मौत को निमंत्रण देने जैसा है इसिलए खिलजी ने छल और कपट का सहारा लिया।
मुस्लिम सेना और यदुवंशी सेना समरभूमि में आमने सामने थी और भयंकर जंग छिड गई।
यादव सेना "हर हर महादेव " का रणघोष कर खिलजी की सेना पर भारी पड़ने लगी थी।
खिलजी ने मक्कारी करते हुए छल से झूठी घोषणा करा दी कि देवगिरि के युवराज शंकरदेव यादव युद्ध में मारे जा चुके हैं।
इस झूठी घोषणा से यादव सेना सदमे में आ गई और इसका फायदा उठाते हुए महाराजा रामचंद्र पर धोके से आक्रमण कर दिया इस स्थिति में यादवों के लिए अपनी स्वतंत्रता को क़ायम रखना असम्भव हो गया और देवगिरि साम्राजय भी बाकी राज्यों की तरह खिलजी के कब्ज़े में आ गया।
यद्यपि रामचन्द्र परास्त हो गए थे, पर उनमें अभी स्वतंत्रता की भावना अवशिष्ट थी।
उन्होंने ख़िलज़ी के आधिपत्य का जुआ उतार फैंकने के विचार से वार्षिक कर देना बन्द कर दिया। इस पर अलाउद्दीन ने अपने सेनापति मलिक काफ़ूर को उस पर आक्रमण करने के लिए भेजा। काफ़ूर का सामना करने में महाराजा रामचन्द्र असमर्थ रहे।
लेकिन देवगिरि के यादवों ने उम्मीद नहीं हारी और महाराजा रामचंद्र की मृत्यु के बाद उनके पुत्र महाराजा शंकरदेव यादव ने देवगिरि की कमान हाथों में ली और अपने पूर्वजों की कीर्ति एक बार फिर स्थापित करते हुए ख़िलज़ी के विरुद्ध जंग का बिगुल बजा दिया।
एक बार फिर मलिक काफ़ूर और खि़लजी ने देवगिरि पर आक्रमण किया और देवगिरी आने से पहले गुजरात के राजा कर्णसिंह वाघेला की राजकुमारी कमलादेवी को अगवा कर लिया।
शंकरदेव और यादव सेना ने मुस्लिम सेना का बहादुरी से सामना किया लेकिन खिलजी छल कपट में माहिर और इस बार उसने राजा शंकरदेव के संग छल किया।
इस युद्ध में लड़ते-लड़ते वीर शंकर ने 1312 ई. में वीरगति प्राप्त की।
महाराजा शंकरदेव के बाद देवगिरि की राजगद्दी पर महाराजा हरपालदेव यादव सूशोभित हुए एवं इनके नेतृत्व में यादवों ने एक बार फिर अल्लाउद्दीन से लोहा लिया उन्हें सफलता नहीं मिली।
हरपालदेव यादव को गिरफ़्तार कर लिया गया, और अपना रोष प्रकट करने के लिए सुल्तान मुबारक ख़ाँ ने उसकी जीते-जी ख़ाल खिंचवा दी।
महाराजा हरपाल देव ने अपने प्राणों की देदी लेकिन इस्लाम कबूल नहीं किया।
इस प्रकार देवगिरि के यादव वंश की सत्ता का अन्त हुआ, और उनका प्रदेश दिल्ली के अफ़ग़ान साम्राज्य के अंतर्गत आ गया।.............................
महान हिंदू सम्राट हरपाल यादव को नमन् है।
संजय लीला भंसाली की Padmavati जैसी movie का विरोध करना एकदम उचित है।
इस movie में Mewar के सूर्यवंशी सिसोदिया राजकुमारी Padmavati और Deogiri के यादवों का इतिहास गलत तरीके से पेश किया गया है।
#RDY Rao Dheeraj Nuniwal
9999600794. Gurgaon haryana
@raodheeraj07
Alauddin married to Ramchandra daughter. Her name was jhatyapali,
ReplyDeleteAlauddin had a son with jhatyapali, name was shahabuddin omar.
Yes, we should oppose any kind of movies like padmavat which ruins our proudy history.
Yes he also married rajput queen kamla devi....likewise akbar married jodha bai....yes we should definitely oppose it
DeleteJai Shri Radha Krishna
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