रेजिमेंट स हक़ म्हारो
** रेजिमेंट स हक म्हारो **
कहते हैं ना की एक ही झूठ को सौ बार दोहराओ तो वो सच लगने लगता है. मुझे लगता है की हमारी थल सेना और फौजी सिस्टम को चला रहे लोग इसी विश्वास के साथ पिछले कई दशकों से यह सफेद झूठ बोले जा रहे हैं -
"आजादी के बाद जाति, क्षेत्र आधार पर कोई रेजिमेंट नही बनी " .
हालांकि झूठ की तो खैर कोई सीमा नही होती , लेकिन जिस हिसाब से देश के अलग अलग इंस्टीट्यूशन के सामने आम जनता को गुमराह करने के लिए ये उपरोक्त गलत तथ्य कहे जाते हैं, पढ़कर सुनकर गुस्सा भी आता है और दुख भी होता है.
Rajnath Singh ji, माना की इस झूठ से भ्रमित होने वाले आप पहले रक्षा मंत्री नही हैं , लेकिन आपके पास एक मौका है की सत्य का साथ देकर आप इस गलत प्रोपोगैंडा से भ्रमित होने वाले आखिरी रक्षा मंत्री जरूर हो सकते हैं.
वैसे तो सत्यं कीम् प्रमाणम्, लेकिन फिर भी आपको और फौज (जो सब कुछ जानते हुए भी नादान बन रही है) को यह बता दूँ की आजादी के बाद ही सिर्फ इन्फैण्टरी मे यह निम्नलिखित Scouts एवं Regiments प्लान कर खड़ी की गयी हैं -
a.Ladakh Scouts, raised from 1948-63
b.J&K LI, raised from 1948-1972/76
c.Naga Regiment, raised from 1963-70
d.Arunachal Scouts, raised from 2008-10
e.Sikkim Scouts, raised from 2013-15
f. Dogra Scouts raised in 1964
g. Garhwal Scouts raised in 1964
फिर अर्टिलेरी, आर्मर्ड तो अलग हैं, जिनमें जाति धर्म क्षेत्र आधारित लगातार नई यूनिट्स खड़ी की गयी .
और मजे की बात तो यह की जिनका नाम मैंने ऊपर नही लिखा है माने जिनको हम आजादी से पहले की रेजिमेंट मान रहे हैं वो तो लगातार जाति, मजहब, क्षेत्र आधारित भर्तियां करे जा रही हैं. उनका क्या.
लिखने और कहने को बहुत है, पर मुझे लगता है की इससे पहले की यह झूठ हर अहीर और उससे भी महत्वपूर्ण हर आम नागरिक को पता चले, बेहतर होगा की रक्षा मंत्रालय सत्य को स्वीकार करे.
नही तो जब आपकी उस एक पंक्ति के जवाब मे हम भी यह सूची लगा कर भेजेंगे तो ना वो आपको, ना फौजी सिस्टम चलाने वालों को और ना ही इन बहादुर रेजिमेंट्स को अच्छा लगेगा.
बाकि आपकी मर्जी क्योंकि #अहीर_रेजिमेंट_हक_है_हमारा और यह तो हम लेकर रहेंगे.
दादा किशन की जय!
योगेश होशियार सिंह नुणीवाल
RAO DHEERAJ NUNIWAL
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