अहीरवाल के नूनीवाल-- Nuniwals of Ahirwal


नुणी ठीकाने का इतिहास बहुत ही गौरवशाली और प्राचीन है । 

सन 1585 में अकबर की सेना आमेर के राजा मान सिंह के नेतृत्व में काबुल पर हमला करने गयी थी, इस सेना में लगभग आठ - दस हजार अहीर लड़ाके भी थे| राव  रणमल नुणीवाल को इस अहीर फ़ौज का जनरल बनाया गया था|

राव रणमल और उनके अहीर वीरों कि काबुल के युद्ध में अहम् भूमिका को देखते हुए, अकबर ने काबुल फ़तेह के बाद खुश होकर उनको बावन महल की चौधर "नारनौल की बावनी" दी | वापस लौट कर राव रणमल ने चौधर को खुशनसीबी के तौर पर मानते हुए अपने नए ठिकाने का नाम 'नसीबपुर' रखा| अपनी मदद के लिए उन्होंने मान्दी और पटीकरा के सरदारों को अपना नायब नियुक्त किया|

ढोसी, जो कि अति प्राचीन तीर्थ, पहाड़ी है उस पर एक किला राजा नूनकरण ने बनाया था जो किसी आक्रमण में नष्ट हो गया, दूसरा गंगा सिंह नुणीवाल ने बनवाया जिसके अवशेष आज भी हैं|

राव गोपालदेव जी की 3 शादियाँ हुई थी उनकी दो रानियाँ उदयरामसर (बीकानर) से थी तथा एक रानी नसीबपुर से चौ० रामचन्द्र जी के भाई की लडकी थी | 
नसीबपुर में युद्ध लडने का मुख्य कारण भी ये ही था की जब गोकलगढ का किला अधिक पुराना होने के कारण युद्ध के काबिल नही था तथा कानोड़ का किला झज्जर के नवाव के पास था उसके किलेदार ने किला राव गोपालदेव को नही सौंपा तो युुद्ध मैदान मे लडा जाना था । इसलिए ठिकाना नसीबपुर वालों ने राव गोपालदेव से कहाँ कि आप नसीबपुर में आकर मोर्चा लगाओ हम आपकी तन, मन व धन से मदद करेगें क्यो कि राव गोपालदेव उनके दामाद थें |

परमवीर योगेंद्र सिंह जिन्होंने २१ यादव वीरों के साथ मिलकर कारगिल युद्ध के दौरान टाइगर हिल पर तिरंगा फहराया था इनकी माताजी, वीर अहिराणी , नूणीवाल के ख़ास ठिकाने मोहम्मद पुर धूमि, मेरठ की बेटी हैं |

गुड़गांव की सामाजिक एवं राजनैतिक व्यवस्था में तीनो नुणीवाल ठीकाने हमेशा से ही अहम भूमिका निभाते आये हैं ।

जमनापार के नुणीवाल, जिनका निकास लगभग 500 वर्ष पूर्व गुड़गांव से है अनेक क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते रहे हैं ।

नुणीवाल के प्रमुख  ठिकाने : -

१ नुणी , नारनौल
२. नसीबपुर , नारनौल
३ नांगतहेडी , नारनौल
४. नीरपुर , नारनौल
५. हाजीपुर , नारनौल
६. नांगलिया , नारनौल
७ डूंडाहेड़ा, गुडगाँव
८ सरहोल, गुडगाँव
९ चक्करपुर , गुडगाँव
१०  मोहम्मदपुर धूमि , मेरठ
११  बहरामपुर, मेरठ 
१२ लाडनपुर , अमरोहा - मुरादाबाद
१३ मुंडिया खेड़ा
१४ फतेहपुर

इनके अलावा नुणीवाल, दुसरे गोतों के ठीकानो में, रेवाड़ी, खेतड़ी, शाहपुर, बानसूर, अलवर, बहरोड़, दिल्ली आदि इलाकों में भी निवास करते हैं । 

भाई र ये नुणीवाल
बड़े ही  बेमिसाल 

वीर भूमि अहीरवाल ...
Rao Dheeraj Nuniwal #ahir #yadav #rao #raoshab #raosahab #raoshabni #raosahabni #ahiri #ahirwati #ahirwal #yaduvanshi #nuniwal #RDY #raozofindia #raoz_of_india #ahirani #ahiret #ahirat #raos #raoz 

Comments

Popular posts from this blog

चौंसठ गोत्र अहीर का नृहरी वंश निकास। अहीरवाल में अहीरों के 64गोत्र RDY

आल्हा-ऊदल==बानाफर क्षत्रिय ----Alha Udal==Banafer warriors #A_Biography Rao'z of india #RDY

अहीर रेजिमेंट क्यों है जरूरी और रेजिमेंट के फायदे Rao'z of india RDY